कुपोषित बच्चो को आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषणीय सामग्री व अन्य सुविधाएं प्रदत्त होगी!.. पांडियन

 


 


 


गोरखपुर 01 सितम्बर 


जनपद में कुल स्वीकृत 4237 आंगनवाड़ी केन्द्रों के सापेक्ष 4172 आगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में संचालित हैं। संचालित आगनवाड़ी केन्द्रों पर शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को विभाग द्वारा आपूर्ति सामग्री का वितरण किया जाता है तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य जांच की कार्यवाही की जाती है। बाल विकास विभाग के अन्तर्गत आगनवाड़ी केन्द्रों पर विभाग द्वारा आपूर्ति पुष्टाहार का वितरण विभागीय निर्देशों एवं मानकों के अनुरूप 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे, 3 से 6 वर्ष के बच्चे, गर्भती/धात्री महिलाओं को किया जाता है। बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जनपद में आगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल लक्ष्य 100 के सापेक्ष ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। अब तक लक्ष्य के सापेक्ष 12 केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, शेष आगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कार्य प्रचलन में है।


यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया है कि राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत जनपद में कुपोषित बच्चों के वजन की टेªकिंग करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पोषाहार आदि से लाभान्वित करते हुए टीकाकरण की कार्यवाही की जाती है। राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक    ए.एन.एम. सेन्टरों पर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें 0-6 वर्ष तक के बच्चों का वजन, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, परामर्श आदि प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त बी.एच.एन.डी. दिवस पर बच्चों के स्वास्थ्य जांच व वजन लेते हुए कुपोषण के स्तर को देखा जाता है।


जिलाधिकारी ने आगे बताया है कि राज्य पोषण मिशन/पोषण अभियान के अन्तर्गत आगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कराते हुए उन्हें पोषक तत्वों के सेवन के संदर्भ में जागरूक किया जाता है साथ ही बच्चों का अन्नपरासन किया जाता है। किशोरी शक्ति योजना के अन्तर्गत आगनवाड़ी केन्द्रों पर 11-14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं को देसी घी व खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। आगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों/गर्भवती/धात्री महिलाएं तथा किशोरी बालिकाओं को ए.एन.एम. के सहयोग से आवश्यक टीकाकरण कराया जाता है तथा बच्चों का नियमित वजन करते हुए उनके कुपोषण की स्थिति की निगरानी की जाती है।


जिलाधिकारी ने आगे बताया हे कि कोविड-19 के दौरान बाल विकास विभाग के अन्तर्गत जनपद में आगनवाड़ी कार्यकत्री द्वार लाभर्थियों को डोर टू डोर पुष्टाहार पहुंचाते हुए लाभान्वित साथ ही निगरानी समिति में सम्मिलित कर कोविड-19 से बचाव एवं जागरूकता कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया जाता है।


 


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