कृषि विभाग में भ्रष्टाचार के जांच की मांग को लेकर सुदामा ने मण्डलायुक्त, डीएम को सौंपा ज्ञापन
योजनाओं में बंदरबांट का लगाया आरोप, आमरण अनशन की चेतावनी
बस्ती । सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’ ने बुधवार को मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी को 7 सूत्रीय ज्ञापन देकर कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के स्थलीय जांच और कृषि यंत्र बिक्री करने वाली फर्माे की जांच 10 दिन के भीतर करते हुये दोषियों को दण्डित करने की मांग किया । सुदामा पाण्डेय ने बताया कि डीएम ने एडीएम की अध्यक्षता में मामलों जांच कराने और रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। सैकड़ो किसानों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन देकर सुदामा ने चेतावनी दिया है कि यदि किसानों के साथ धोखाधड़ी बंद कराकर दोषियोें के विरूद्ध कार्रवाई न हुई तो वे आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन मंें सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’ ने कहा है कि शासन, प्रशासन द्वारा लगातार किसानों का हक छीना जा रहा है। कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा किसानों को देय वर्मी कम्पोस्ट पिट योजना एवं उन्नतिशील कृषि प्रशिक्षण योजना का लाभ किसानों को न देकर किसी चहेते को लाभान्वित किया जाता है। योजनाओं का विभाग की ओर से प्रचार प्रसार भी नहीं कराया जाता।
उच्चाधिकारियों को दिये 7 सूत्रीय ज्ञापन में एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा नाम बदलकर फर्म संचालित किये जाने की जांच कराने, किसानों को दिये गये अनुदान का स्थलीय सत्यापन कराये जाने, कृषि यंत्रो की खरीद किन फर्मो, दूकानों से कराया गया, उसकी जांच कराने, वर्मी कम्पोस्ट पिट के निर्माण हेतु किसानों को देय अनुदान का स्थलीय सत्यापन किये जाने, वित्तीय वर्ष 2020 में फर्म टोकन काटने की प्रक्रिया में साइड हैक कर फर्जी तरीके से किसानों का नाम अपलोड कर योजना के लाभ का टोकन कटा लिये जाने के मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किये जाने, बस्ती मण्डल में कृषि प्रसार योजना के तहत ब्लाकों पर रिक्त पदों पर किये जाने वाले एटीएम, बीटीएम की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया केे तहत किये जाने, किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने वाली योजनायें कागजों मंें संचालित की जा रही है, इस बंदरबांट को रोकने, कृषि यंत्रों के अनुदान आदि में किसानों के साथ धोखा बंद किये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में राम प्रकाश चौधरी, कुलदीप जायसवाल, अशोक सिंह, पशुपति नाथ चौबे, चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, ओेम प्रकाश त्रिपाठी, महेन्द्र प्रताप सिंह, सुशील भट्ट, मुकेश वर्मा आदि शामिल रहे।