कोरोना काल मे आर आर टी की भूमिका देवदूत जैसी!

बस्तीः


कोरोना काल में आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) मुख्य भूमिका निभा रही है। कोरोना के गैर उपचारित मरीजों का हालचाल जानने के साथ ही आरआरटी मरीजों में दवा का वितरण भी कर रही है। शहरी क्षेत्र में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का फॉलोअप के लिए चार टीम सक्रिय है। टीम की सेवा ऑनकॉल भी उपलब्ध है। टीम इस बात पर भी सतर्क नजर रखती है कि होम आइसोलेशन का मरीज गाइड लाइन की अनदेखी न करें। जरा भी लापरवाही होने पर अन्य लोगों के प्रभावित होने का गंभीर खतरा रहता है।


 


आरआरटी में एक चिकित्सक के साथ ही एक या दो पैरामेडिकल स्टॉफ, एक राजस्व व एक पुलिस विभाग का कर्मी तैनात है। किसी मरीज की सूचना मिलने के साथ ही यह टीम सक्रिय हो जाती है। मरीज के घर पर पहुंचने के बाद उसे अस्पताल भिजवाती है। अगर मरीज होम आइसोलेशन में रहना चाहता है तो होम आइसोलेशन की गाइड लाइन का पालन कराने के साथ ही वह मरीज के पास उपलब्ध संसाधनों की जांच कर उसे होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति प्रदान करती है।


 


टीम के जिम्मे सर्विलांस का भी काम होता है। वह मरीज के संपर्क में आए लोगों की सूची बनाकर उनकी कोरोना जांच का प्रबंध कराती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली दवा मरीज को निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ ही उसके सेवन व कोरोना से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक भी करती है। डॉ. मासूमा, डॉ. गिरजेश आर्या व डॉ. शिप्रा की टीम दिन के समय सक्रिय रहती है। रात में टीम का नेतृत्व नगरीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके कुशवाहा खुद संभालते हैं।


 


होम आईसोलेशन में हुए हैं अब तक 159 मरीज


शहरी क्षेत्र में अब तक 159 कोरोना के गैर उपचारित मरीजों को होम आईसोलेशन की सुविधा प्रदान की गई है। वर्तमान में इसमें से 23 मरीज अभी भी घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। नगरीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके कुशवाहा ने बताया कि मरीज के स्वास्थ्य पर नजर रखी जाती है। एक दर्जन से ज्यादा मरीजों की तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।


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