जिले की तीन भ्र्ष्टाचार में संलिप्त प्रधानों के वित्तीय अधिकार प्रतिबंधित,सचिव पर दण्डात्मक कार्यवाई तय!

बस्ती


गांव के विकास का धन अनियमित तरीके से निकाल कर खर्च करने के आरोप में डीएम ने जिले के तीन ग्राम प्रधानों के प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारी सीज कर दिए हैं। गांव के विकास कार्य का संचालन तीन सदस्यों वाली टीम करेगी। यहां के ग्राम सचिवों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। जिला स्तरीय अधिकारियों को जांच अधिकारी नामित करते हुए अंतिम जांच रिपोर्ट मांगी गई है।


विकास खंड बस्ती सदर के खदरा की जांच बीएसए व एई डीआरडीए ने किया। जांच में सोख्ता गड्ढा निर्माण व स्ट्रीट लाइट स्थापना में एक लाख रुपये से अधिक की अनियमितता पाई गई। प्रधान अलीमुन ने कारण बताओ नोटिस का जबाब भी नहीं दिया। डीएम ने वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज करते हुए डीआईओएस को जांच अधिकारी नामित किया है।


 


विकास खंड बनकटी के थरौली की डीपीसी राजा शेर सिंह व विष्णुदेव नाथ तिवारी ने जांच किया। जांच में सामने आया कि शौचालय बना ही नहीं और फर्जी तरीके से उसे बना दिखाते हुए जियो टैग कर दिया गया। शौचालय मद का खाता दो-दो बैंक में है, जबकि एक में होना चाहिए। शौचालयों का निर्माण अधूरा है। आरोप है कि प्रधान व सचिव ने धनराशि आहरित कर ली। कारण बताओ नोटिस का जबाब भी नहीं दिया। प्रधान शिव प्रसाद उपाध्याय के अधिकारी सीज करते हुए जिला उद्यान अधिकारी को जांच अधिकारी बनाया गया।


विकास खंड हर्रैया के मजगवां में शौचालय मद का 25 लाख रुपया निकाला गया, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया गया। मामले का खुलासा डीपीसी राजा शेर सिंह जांच से हुआ। डीएम ने प्रधान उर्मिला देवी के अधिकारी सीज कर तीन सदस्यीय टीम के गठन का निर्देश दिया।


ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित


 


विकास खंड हर्रैया के मजगंवा सहित चार ग्राम पंचायतों में तैनात रहे ग्राम पंचायत सचिव अनिल कुमार सिंह के खिलाफ शौचालय मद का धन निकालने के आरोप में मुकदमा दर्ज हो चुका है। अब डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने उन्हें निलंबित कर दिया है। उन पर चारो ग्राम पंचायतों में शौचालय मद के धन में गड़बड़ी करने का आरोप है।


 


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