गोरखपुर 02 सितम्बर 20।
राष्ट्रीय, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देशन के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में बुद्धवार को वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जिला कारागार में प्ली-बारगेनिग विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री राहुल कुमार सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा की गयी। सचिव द्वारा शिविर के समय उपस्थित निरूद्ध बन्दियों को यह बताया गया कि किस प्रकार हम प्ली-बारगेनिग के माध्यम से अपने मामलों का निस्तारण करा सकते है। उनके द्वारा अपने संबोधन में बाल अधिकार विशेषकर किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के बारे में बताया गया।
उन्होंने बताया कि जघन्य मामलों में बाल अपचारी की आयु 16 वर्ष से अधिक होने पर उसके मानसिक आयु के आकलन हेतु मनोचिकित्सक की रिपोर्ट महत्वपूर्ण होती है। जेल में निरूद्ध महिलाओं को उनके अधिकारो एवं वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया गया। इस विशेष जागरूकता शिविर में बाल मजदूरी इत्यादि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गयी।
इसके अतिरिक्त कोरोना वायरस जैसी संक्रमित महामारी से बचाव के लिए बन्दियों को विस्तारपूर्वक बताया कि वे हमेशा मास्क लगाकर रहे और दूसरे बन्दी को भी मास्क लगाये रहने को कहे तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने एवं समय समय पर साबुन से हाथ धोते रहने का सलाह दिया गया। विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन में सिविल जज (जू0डि0) (सी.ए.डब्लू) श्री आशुतोष खरवार, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर एवं जेल में निरूद्ध (पुरूष, महिला एवं किशोर) बन्दी उपस्थित रहें। उक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्रधिकरण ने दी है।