जौनपुर
बेसहारा घूमने वाले मवेशियों को पनाह देने के लिए सरकार की पहल पर ग्राम पंचायत स्तर पर गोशालाएं तो बनवा दी गईं, मगर व्यवस्था बदहाल होने से गोशालाएं मवेशियों की पनाहगाह की जगह कब्रगाह बन गई है। मवेशियों के देखरेख एवं इलाज के अभाव में आए दिन गायें तड़प- तड़प कर मर रही हैं। मृत गायों को खुले में डाल दिया गया, जिनका मांस कुत्ते नोचकर खा रहे हैं। विकासखंड जलालपुर के हरिपुर गांव में बने गौशाला में करीब 100 मवेशी रहते हैं।
मवेशियों की देखरेख के लिए ग्राम प्रधान सहित चार सफाई कर्मी लगाए हैं लगाए गए हैं। उसके बावजूद इस गौशाला का हाल बेहद बुरा है। सुबह गौशाला पर मौजूद राजू, रमेश आदि सफाई कर्मियों ने बताया कि हम लोग सुबह आकर गौशाला का साफ- सफाई करते है और गायों को चारा पानी देकर चले जाते हैं। गौशाला के चारों तरफ बाउंड्री वाल नही होने के कारण कटीले तार से घिरे इस गौशाला में सियार और कुत्ते सहित अन्य जानवर घुस आते हैं और जिंदे गायों पर हमला कर देते है जिससे कई गाय घायल भी हो जाते हैं। हमलावर जंगली जानवर जिंदे गाय के मांस को नोच-नोच कर खा जाते हैं।
घायल गायों की इलाज के लिए पशु डॉक्टर को सूचना दिया जाता है परंतु वह जल्दी नहीं आते। इलाज के अभाव में आए दिन तड़प- तड़प कर गायों की मौत हो रही है। गौशाला के अगल-बगल रहने वाले लोगों ने बताया कि मृते गायों को इसी तरह खुले में छोड़ दिया जाता है जिसे कुत्ते नोच- नोच कर खाते हैं। मृत गायों की दुर्गंध से हम लोग काफी परेशान हैं इसकी शिकायत कई बार ग्राम प्रधान से की जाती है परंतु वह कोई सुनवाई नहीं करते।