मोहर्रम को लेकर राजा उदय प्रताप सिंह हाउस अरेस्ट!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह"राजा भइया" के पिता राजा भदरी राजा उदय प्रताप सिंह एक बार फिर नजर बंद किये गये। शांति व्यवस्था के लिये अपने 11 समर्थकों के साथ उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया गया। उनको शनिवार शाम 5 बजे से रविवार रात 9 नौ बजे तक हाउस अरेस्ट रहना होगा। डीएम ने उनके द्वारा आयोजित कुंडा के हनुमान मंदिर पर पूजा-भंडारे के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया। राजा भैया के पिता की मोहर्रम के दिन भंडारा करने की मांग किये थे।शेखपुर आशिक से भदरी तक का इलाका छावनी में तब्दील रहेगा। उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में डीएम ने भंडारे की अनुमति नहीं दी। पुलिस ने डीएम के आदेश की कॉपी भदरी महल के बाहरी दरवाजे पर चस्पा कर दी।शेखपुर आशिक में हनुमान मंदिर के पास मोहर्रम के दिन पहली बार 2014 में भंडारा हुआ। 2015 में फिर मोहर्रम के दिन ही भंडारा होने पर नाराज ताजियादारों ने ताजिए नहीं दफन किए। 2016 से जिला प्रशासन ने तत्कालीन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के पिता भदरी नरेश उदय प्रताप सिंह को समर्थकों संग नजरबंद कर भंडारे पर रोक लगा दी। भारी पुलिस बल लगाकर ताजिये निकाले जाते रहे, लेकिन भंडारे की अनुमति नहीं मिली। इस बार राजा उदय प्रताप सिंह ने 17 जनवरी 2020 को ही उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। शेखपुर आशिक में लखनऊ-प्रयागराज हाईवे से 60 कदम दूर अर्धनिर्मित हनुमान मंदिर पर 28 अगस्त से 31 अगस्त तक हनुमान चालीसा का अखंड पाठ एवं भंडारे के लिए उचित व्यवस्था कराए जाने का अनुरोध किया। उच्चतम न्यायालय ने डीएम प्रतापगढ़ को मामले की सुनवाई कर निस्तारण करने का आदेश दिया। डीएम ने 24 अगस्त को हनुमान चालीसा और भंडारा की अनुमति देने से इंकार कर दिया। डीएम ने आदेश में कोविड 19 का हवाला दिया। शेखपुर आशिक से भदरी तक शनिवार से एक एएसपी, दो सीओ, 6 इंस्पेक्टर, 30 दरोगा, 25 हेड कांस्टेबल, 50 कांस्टेबल, 25 महिला सिपाही, पांच ट्रैफिक पुलिस, तीन फायर टेंडर, दो प्लाटून पीएसी तैनात रहेगी। इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ ने बताया कि शनिवार को शाम पांच बजे से सभी चिह्नित स्थानों पर ड्यूटी शुरू हो जाएगी, जो मोहर्रम की समाप्ति तक चलेगी। कुंडा के एसडीएम जलराजन चौधरी का कहना है कि उदय प्रताप सिंह ने 28 से 31 अगस्त तक शेखपुर आशिक में हनुमान चालीसा, भंडारे के आयोजन को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिलाधिकारी ने उसी को निस्तारित करते हुए किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी। बगैर अनुमति किसी तरह का आयोजन नहीं करने दिया जाएगा।