बस्ती 12 जून शासकीय धनराशि से स्थापित एवं संचालित गोसंरक्षण केन्द्रों पर राज्य वित्त आयोग की धनराशि व्यय करने की अनुमति शासन द्वारा दी गयी है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी है। इस संबंध में उन्होने विभागीय अधिकारियों राजस्व, ग्राम विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर धनराशि के व्यय के संबंध में आवष्यक दिशा निर्देश दिये।
शासनादेष के अनुसार गोसंरक्षण केन्द्र पर संरक्षित गोवंशीय देख-भाल हेतु रखे गये आदमी, भूसा तैयार करने उसके परिवहन एंव भंडारण के लिए गोठिला बनाने पर व्यय किया जायेंगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि गोसंरक्षण केन्द्र पर रखे गये पशुओं को पूरे साल भूसा की आवश्यकता रहती है। भूसा की व्यवस्था फसल कटायी के समय ही किया जायेंगा, क्योकि उस समय भूसे का मूल्य कम होता है। इसलिए गोसंरक्षण केन्द्र पर वर्ष भर भूसे की आवश्यकता के अनुसार भंडारण किया जायेंगा।
उन्होने कहा कि फसल कटने के बाद डण्ठल खेत में छूट जाता है, इसको जलाना प्रतिबन्धित है। अतः किसानों की अनुमति से इसे काटकर भूसा स्थानीय स्तर पर ही बनाया जा सकता है, जो निःशुल्क होगा। उन्होने कहा कि डण्ठल को काटने उसको भूसा बनाने के लिए थ्रेसर किराये पर लेने तथा खेत से भूसा गोसंरक्षण केन्द्र तक पहुॅचाने पर राज्य वित्त पर से धन व्यय किया जा सकेंगा। साथ ही गोसंरक्षण केन्द्र पर पशुओं की देख-भाल करने वाले गोसेवको को पारीश्रमिक का भुगतान भी किया जायेंगा।
जिलाधिकारी ने इन कार्यो की दरें निर्धारण के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देंगी। बैठक में सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका, एडीएम रमेश चन्द्र, पीडी आरपी सिंह, मुख्य कोषधिकारी श्रीनिवास त्रिपाठी, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, उपायुक्त मनरेगा इन्द्रपाल सिंह, सभी तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी तथा पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहें। बैठक का संचालन सीबीओ डाॅ0 अश्वनी तिवारी ने किया