जहां श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेज हो चली है, वही राम सर्किट के पहले पड़ाव पर श्री मखौड़ा धाम में जहां राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ट के परामर्श से ऋषि श्रृंगी की अगुवाई में पुटेष्टि यज्ञ किया था, वह स्थान अयोध्या की तुलना में कम पवित्र नहीं है। ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा से संपन्न देश के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी से जो देश की अस्मिता और सम्मान के प्रतीक होकर के उभरे हैं उनसे साधु समाज संत समाज और जागरूक जागरुक जनों ने एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि अयोध्या क्योंकि वैश्विक आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है इसलिए उसके करीब मखौड़ा में महर्षि वशिष्ठ के नाम से एक अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना दी जाए जहां देश के सनातन परंपरा का अध्ययन अध्यापन होगा वहीं विश्व के अनेक धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन योग्य प्राध्यापकों के नेतृत्व में होगा ।
इस आशय के पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राजेंद्र नाथ तिवारी, अध्यक्ष पूर्वांचल विद्वत परिषद और दशरथ महल अयोध्या के पीठाधीश्वर आचार्य श्री बिंदु गददया आचार्य देवेंद्र प्रसाद चार्य और अयोध्या के वरिष्ठ संत श्री कन्हैया दास जी का भी आशीर्वाद प्राप्त है।
श्री तिवारी ने कहा है अगर वैदिक विश्वविद्यालय मखोड़ा में स्थापित हो जाता है तो दुनिया के नक्शे पर भारत के सनातन परंपरा में नया आयाम जुड़ेगा और भारत को विश्व गुरु बनाने का प्लेटफार्म मखस्थली मखोड़ा से ही आरंभ होगा । प्रधानमंत्री को संबोधित इस पत्र में देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ,संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ,सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ,डॉ कृष्ण गोपाल जी और दत्तात्रेय होसबोले को पंजीकृत पत्र द्वारा वैदिक विश्वविद्यालय के लिए अनुरोध किया गया है।