बस्तीः लाकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गये। अब सरकार ने उन्हें वापस अपने जिलों में बुलाने का फैसला लिया है। अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों के लौटने का अनुमान लगाया जा रहा। उनके द्वारा संक्रमण न फैले इस समबन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने सभी मंडलायुक्तों को प्रत्र जारी किया है। पत्र के हवाले से कहा गया है कि प्रवासियों के आगमन के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही प्रत्येक प्रवासी का पता एवं मोबाइल नम्बर सहित लाइन लिस्टिंग भी तैयार की जायेगी।
किसी भी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा तथा जाँच करवाने के बाद यदि वह संक्रमित पाया गया तो उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जायेगा। जो संक्रमित नहीं होंगे उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखकर दोबारा उनकी जांच की जाएगी। 7 दिनों के बाद भी वह संक्रमित नहीं पाया जाता है तो उसे अगले 14 दिन के लिए होम क्वेरेंटाइन में भेजा जाएगा। बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को 21 दिन के होम क्वेरेंटाइन में भेजा जायेगा। जिनके घरों में होम क्वेरेंटाइन की व्यवस्था नहीं है उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा, 21 दिनों की होम क्वेरेंटाइन की अवधि में उनके परिवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जहाँ तक संभव हो प्रवासी घर में अलग कमरे में रहें।
साथ ही व मास्क, गमछे, दुपट्टे से अपने मुंह को अवश्य ढंकें। हाथों को साबुन व पानी से धोयें इस आदत को बढ़ावा दिया जायेगा। ऐसे घर में किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। घर के किसी एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीद फरोख्त के लिए घर से बाहर निकलने दिया जायेगा। क्वेरेंटाइन किये गए प्रवासी में कोविड-19 के लक्षण मिलते ही इसको सूचना आशा कार्यकर्ता को दी जाएगी जिससे वह आगे की कार्यवाही कर सके। क्वेरेंटाइन किये गए घरों में, आशा कार्यकर्ता 60 वर्ष से अधिक आयु के बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों को क्वेरेंटाइन किया गए व्यक्तियों से अलग रहने की सलाह देंगी।
यदि प्रवासी के पास स्मार्ट फोन है तो उस पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया जायेगा। यदि प्रवासी व्यक्ति अथवा उसके परिवार के सदस्य को बुखार अथवा खांसी के लक्षण प्रकट होते हैं तो आशा इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देंगी तथा पैरासीटामॉल की गोली देकर 3 दिनों के लिए व्यक्ति को घर पर ही क्वेरेंटाइन में रहने की सलाह देंगी। यदि लक्षण बढ़ते हैं तथा सांस लेने में तकलीफ होती है तो आशा, निगरानी समिति के सदस्य इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देंगे तथा व्यक्ति को 108 एम्बुलेंस से पास के क्वेरेंटाइन फैसिलिटी में भेजने की व्यवस्था करेंगे।