उत्तराखंड ने प्रवासियों को स्वरोजगार स्वावलम्बन पर पहल शुरू की

*मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना*
कोरोना के बाद उपजे हालात में स्थानीय उत्पादों औऱ संसाधनो पर निर्भरता बढ़ रही है। त्रिवेंद्र सरकार ने इस बात को भली भांति महसूस किया है इसलिए प्रदेश के स्किल्ड युवाओं औऱ लॉकडाउन में घर दूसरे शहरों से लौटे प्रवासियों के लिए एक सुनहरा मौका दिया है। 
जो युवा अपने राज्य में रहकर अपना उद्मय शुरू करना चाहते हैं, अपना स्वरोजगार अपनाना चाहते है उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। 
इस योजना के तहत स्वरोजगार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जाएगा और इस पर उचित अनुदान भी दिया जाएगा।


*उद्देश्य*
1* उत्तराखंड के मूल निवासी, स्थायी निवासी ऐसे स्किल्ड लोगों, दस्तकारों, कास्तकारों, हस्तशिल्पियों, बेरोजगारों को जो स्वरोजगार के जरिए अपना उद्यम या स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित करना।
2* स्वरोजगार हेत नई सेवाओं, लघु उद्योमों या व्यवसायों क स्थापना करके ग्रामीण व शuरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना।
3* कोरोना के कारण प्रदेश में लौटे युवाओं को राज्य में ही रोके रखने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ना
4* पहाड़ों से रोजगार के लिए होन वाले पलायन को रोकना


*कौन से काम कर सकते हैं*
अपने गांव लौटे प्रवासी स्थानीय निवासी अपने अनुभव के आधार पर मेन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के साथ ही छोटा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
स्वरोजगार योजना में दुकान खोलने से लेकर मुर्गीपालन, पशुपालन, डेयरी जैसे व्यवसाय शुरू करने से लेकर 25 लाख तक के मैन्युफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर के उद्योग लगाए जा सकते हैं। 
कोई व्यक्ति यदि राज्य में दुकान, डेरी, मछली पालन, व्यूटी पार्लर, पशुपालन, मुर्गी पालन, बार, होटल, रेस्टोरेंट, लाइसेंस के तहत मीट की दुकान या अन्य किसी भी प्रकार का कारोबार शुरू कर सकता है।


*किन बैंकों से मिल सकेगा लोन*
सभी राष्ट्रीयकृत बैकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, कॉपरेटिव बैंकों व अन्य शेड्यूल्ड बैंकों से ऋम मिल सकेगाय़


*कितना ऋण और कितना अनुदान*
मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अधिकतम 25 लाख तथा सर्विस सेक्टर में अधिकतम 10 लाख तक का लोन मिल सकता है।
*अनुदान के लिए जिलों की स्थिति के आधार पर चार कैटेगरी बनाई गई हैं।*
*ए- कैटेगरी-  लागत का 25 % या (विनिर्माण में अधिकतम 6.25 लाख तथा सर्विस में अधिकतम 2.5 लाख)
*बी- कैटेगरी- लागत का 20 % या (विनिर्माण में अधिकतम 5 लाख तथा सर्विस में अधिकतम 2 लाख)
*सी, व डी कैटेगरी- लागत का 15% या (विनिर्माण में अधिकतम 3.75 लाख तथा सर्विस में अधिकतम 1.5 लाख)
इस योजना के तहत यदि दूरस्थ जिलों में कोई मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट लगाता है तो 25 लाख की परियोजना पर उसे छह लाख यानी करीब 25% की सब्सिडी मिलेगी।
इसी तरह बी श्रेणी के जिलों में यह सब्सिडी 20% जबकि मैदानी क्षेत्र में प्रोजेक्ट पर 15% सब्सिडी मिलेगी। 
इसी तरह यदि कोई दूरस्थ पहाड़ी जिलों में 10 लाख की परियोजना शुरू करता है तो उसे 25 प्रतिशत यानी ढाई लाख की सब्सिडी मिलेगी। 
बी श्रेणी के जिले में यह सब्सिडी 20 प्रतिशत जबकि मैदान में 15 प्रतिशत होगी।
योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए सामान्य श्रेणी के आवेदक को लागत का 10 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के आवेदकों को लागत क 5 प्रतिशत बैंक गारंटी के रूप में जमा करना होगा।


*कौन कर सकता है आवेदन*
योजना का लाभ लेने के लिए उत्तराखंड का कोई भी मूल या स्थायी निवासी, जो 18 साल से अधिक उम्र का हो, आवेदन कर सकता है। बशर्ते कि
-वह पहल से कसी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफॉल्टर न हो
-उसने विगत 5 साल में किसी अन्य स्वरोजगार योजना में आवेदन न किया हो
-अगर 5 साल पहले स्वरोजगार योजना का लाभ लिया हो तो, उस योजना में डिफॉल्टर न हो।


*यहां करें आवेदन*
उद्यम शुरू करने व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ लेने के इच्छुक अभ्यर्थी निर्धारित प्रपत्र पर एप्लीकेशन भरें तथा साथ में परियोजना की डीपीआर व अन्य दस्तावेजों को संबंधित जिले में उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक दफ्तर में जमा कर सकते हैं।
आप ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। 
अधिक जानकारी जुटाने व अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए https://hope.uk.gov.in/ लिंक पर जाएं और पजीकरण कराएं।
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यहहै कि परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद जैसे ही बैंक फाइनेंस करने को तैयार होगा वैसे ही प्रोजेक्ट लगाने वाले व्यक्ति को सब्सिडी का लाभ मिल जाएगा।


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