बस्ती,उत्तर प्रदेश
भारतेंदु हरिश्चंद्र ने बस्ती को देखकर कहा था",यदि इसको बस्ती कहें तो काको कहें उजाड़",आजतक भारतेंदु जी की आत्मा की बस्ती की खरी खोटी सुनना पड़ रहा है।अभाव का स्व्भाव रहा है बस्ती का।पर अब समय बदल गया है,आजकी ज्वलन्त वैश्विक बीमारी कोरोना अर्थात कोविड19 ने बस्ती को देश के फलक पर खड़ा कर दिया है .आज बस्ती ने शताधिक कोरोना पॉजिटिव का रिकार्ड बनालिया है।
आज केवल5 दशक से ऊपर पॉजिटीव मिलना हर सुधी नागरिक को स्तम्भित कर रहा है।
यह स्कोर आगे बढ़ेगा ही,यह पूरी गारंटी है।पुरादेश अस्त व्यस्त है पर कोरोना अपनी बिरादरी बड़ा ही रहा है।नीति नियंता के पास सचिव नामक जो विषाणु है वह लोक शाही पर नियंत्रक की भूमिका में है,इसीलिए पूरे देश भर प्रवर्तन विभाग चेन की वंशी बजा रहा है।देश मे आग लगी है नोकर शाही कहा है।
आखिर कैसे झांसी सर गाजियाबाद से अबाध बसे, ट्रक आदमियों को आलू प्याज समझ के धो रहे हैं और शासन ,प्रशादन तटस्थ है आखिर क्यों?कोन कोरोना कालमे खामोशी को पहचाने गा।सारे रिश्ते टूट रहे है आवाजो के बाजारो में प्रवासियों को झिड़की सुनेगा,गुने गा, धूनेगा?