सरकार सुरक्षा दे अन्यथा मूल्यांकन बहिष्कार होगा
जौनपुर। माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा के प्रांतीय प्रधान महासचिव फौजदार सिंह ने कहा कि पूर्ण महामारी को दृष्टिगत रखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार ने लाक डाउन 17 मई तक बढ़ा दिया है फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों, परीक्षकों की जान जोखिम में डालकर 5 मई से उत्तर प्रदेश बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने की किस जल्दबाजी में है, यह समझ से परे है तथा अत्यंत असंवेदनशील निर्णय ले रही है। उन्होने कहा कि पिछले कई दिनों से हमारी संगठन के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों से रायसुमारी चल रही है तथा सभी परिणाम के विलंब से चिंतित अवश्य है । परंतु महामारी की भयावहता से डरे एवं सहमे हैं।अतः शिक्षक हित को ध्यान में रखते हुए महासभा यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि जान जोखिम में डालकर हमारे शिक्षक मूल्यांकन कदापि नहीं करेंगे।हमारी सरकार से मांग है कि मूल्यांकन का कार्य लाकडाउन समाप्त होने के बाद ही कराया जाए। प्रदेश की शिक्षा का लगभग 87 परसेंट भार वाहन करने वाला वित्तविहीन शिक्षक पहले 4 माह से विद्यालय बंद होने के कारण फीस जमा ना होने से अल्प भुगतान जो उसे मिलता है वह भी नहीं मिल पाने से परेशान है, अतः अतिशीघ्र उनके जीवन रक्षा हेतु पैकेज उपलब्ध कराया जाए। मूल्यांकन से पहले उनके दुर्घटना बीमा की कोरोना योद्धाओं की भांति व्यवस्था की जाए। विभिन्न जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने वेतन वितरण में देरी होने पर मान्यता प्रत्याहरण की नोटिस दे रखे हैं उन्हें तत्काल रोका जाए। लाकडाउन के बाद मूल्यांकन हेतु सुदूर क्षेत्र से आने वाले परीक्षकों के आवागमन हेतु सुरक्षित वाहनों की व्यवस्था की जाए।उपर्युक्त बिंदु अत्यंत महत्वपूर्ण है अतः उत्तर प्रदेश शासन से पत्र के माध्यम से अनुरोध करते हैं कि समस्या का समाधान करने का कष्ट करें अन्यथा शिक्षक मूल्यांकन का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे तथा शासन के दबाव में किसी अप्रिय घटना के लिए शासन स्वयं जिम्मेदार होगा।