बस्ती,उत्तर प्रदेश
भारत में स्वाधीनता की चेतना के नायक हैं महाराणा प्रताप – विकास बरनवाल
बस्ती- मध्यकालीन भारत में महाराणा प्रताप स्वाधीन चेतना के वैसे ही नायक हैं जैसे बीसवीं शताब्दी में भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल जैसे क्रान्तिकारी थे. महाराणा प्रताप हमारे वास्तविक नायक हैं, जिनका जीवन शौर्य, संप्रभुता, स्वतंत्रता, जातीय स्वाभिमान का प्रतिमान था. महाराणा प्रताप का नाम भारत के शिखर के अमर-सपूतों में दर्ज है. प्रताप भारत एवं भारतीयता के प्रतीक हैं. राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा के लिए प्रताप ने एक दिन भी चैन से नहीं बैठे.
हिन्दुआ सूर्य महाराणा प्रताप की 480 जयंती पर अपने आवास पर लाॅकडाउन का पालन कर महाराणा प्रताप को नमन करते हुए हिन्दू जागरण मंच गोरक्षप्राॅत प्रदेश प्रवक्ता/ मिडिया प्रभारी विकास बरनवाल ने कहा कि महाराणा प्रताप यश, शौर्य और राष्ट्र स्वाभिमान के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं. उनका सम्पूर्ण जीवन इतिहास उस अक्षयवट के समान है जो युवाओं को निरंतर प्रेरित करता रहेगा. भारतीय चेतना एवं अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवन भर वन में भटकने का मार्ग महाराणा प्रातप ने वैसे ही चुना जैसे श्रीराम ने राष्ट्र रक्षा में आततायियों का वध करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास चुना था.
ने कहा कि साम्राज्यवादी एवं साम्यवादी मानसिकता के कारण भारतीय इतिहास में उन्हें वह स्थान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था. महाराणा प्रताप के जीवन की गौरव गाथा को जानबूझकर नजरअन्दाज एवं विकृत कर दिया गया. महाराणा प्रताप और उनका जीवन भारत की पहचान है. जब भी राष्ट्र पर संकट होगा, राष्ट्र खतरे में होगा, स्वधर्म एवं देश का स्वाभिमान खतरे में होगा, उस समय महाराणा प्रताप का त्याग बलिदान अमरज्योति का कार्य करेगी.
वर्तमान संकट मे लाॅकडाउन का पलन कर महाराणा प्रताप को नमन करना भारत और भारतीयता को समाज के जीवन में लाने का प्रेरणास्पद प्रयत्न है. ताकि समाज निजी जीवन के साथ-साथ देश और समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी का दायित्व निर्वहन कर सकें