मदरसा शिक्षकों का वेतन निर्गत हो

सन्तकबीरनगर संवाददाता। उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहिबुल्लाह खान ने कहा है कि आधुनिक मान्यता प्राप्त मदरसा विद्यालयों में कार्यरत गणित, विज्ञान व अंग्रेजी शिक्षकों को 45 माह से वेतन नही मिला है। केन्द्रांश वेतन ना मिलने के कारण मदरसा शिक्षक व उनके परिजन भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं। शिक्षक विधायक चेत नारायण सिंह सहित जनपद के शिक्षक नेताओं ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से पत्र लिखकर मदरसा शिक्षकों के रुके हुए वेतन को तत्काल भुगतान करने की मांग की है।


 


             बतातें चलें कि केंद्र पुरोनिधानित योजनांतर्गत के तहत प्रदेश के 8500 मान्यता प्राप्त मदरसों में मानदेय के आधार पर गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय के 25 हजार शिक्षकों की तैनाती की गई। जिसमें परास्नातक शिक्षक को 12 हजार व स्नातक को 6 हजार रुपया मानदेय मिलता है। यह मानदेय प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ के द्वारा मदरसों में भेजा जाता है।


 


          अनुदानित मदरसा अध्यक्ष वसीउल्लाह अंसारी व मंत्री काजी एसामुद्दीन  ने बताया कि इस योजना के तहत सन्तकबीरनगर जनपद में 15 अनुदानित व 77 मान्यता प्राप्त सहित कुल 92 मदरसे है, जिनके शिक्षक वेतन ना मिलने से परेशान है।


 


            मामले को सदस्य विधान परिषद व उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने जुलाई 2019 में विधान सभा की आश्वासन समिति के समक्ष रखा था, जिसको संज्ञान में लेकर विभागीय मंत्री ने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही केंद्र सरकार से बजट प्राप्त कर मार्च 2020 में भुगतान कर दिया जाएगा, किंतु 45 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक आधुनिक मदरसा शिक्षकों के केन्द्रांश का मानदेय उनके खाते में नही आया, जिससे शिक्षकों को कठिनाई हो रही है।  बिना वेतन के सभी शिक्षक निरन्तर मदरसों में अपनी सेवा दे रहे हें.


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