लाक डाउन उल्लंघन पर प्रतिबन्ध के सिस्ट फेल
जौनपुर। कोरोना से जंग अभी चल है। सरकार मौत का नंगा नाच कर रहे कोरोना वायरस को मात देने की जोर जुगत में जुटी है। एक तरफ देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं वहीं दूसरी ओर लोग मनमानी कर जान को जोखिम में डाल रहे हैं। भले ही जनपद आरेन्ज जोन में शामिल है लेकिन सावधान रहने की जरूरत है। बावजूद सड़कों पर उमड़ रही भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। हालात को देखकर ऐसा लग रहा है मानों जिला प्रशासन जनपद को लॉकडाउन से मुक्त घोषित कर दिया हो। लोगों का कहना है कि लाक डाउन के सिस्टम शायद पंगु हो गये है। इसे सिस्टम की लापरवाही कहें या फिर नाकामी। शनिवार को नगर समेत ग्रामीणांचलों की स्थिति बद से बदतर नजर आई। बाजारों में खुली दुकानों के बाहर शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाई गईं। यह हालात तब है, जब जिले में गैर प्रांत से आने वाले लोगों का सिलसिला जारी है। हैरत कि बात तो यह है कि जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है वह भी या तो मौके से गायब रह रहे हैं या फिर स्थिति को देखकर मुंह फेर ले रहे हैं। इसके चलते धरातल पर नियम के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। जिला प्रशासन जरुरत के सामानों की खरीदारी के लिए दुकानों को खोलने का फरमान जारी किया है लेकिन वह भी हवाहवाई ही साबित हो रहा है। दुकानदार उन प्रतिष्ठानों को भी खोल रहे हैं जिन्हें खोलने का आदेश नहीं है। सवेरे यह सब अधिक होता है। यही नहीं बाजारों में राशन, डेयरी, बैटरी-इनवर्टर, कार रिपेयरिग, बाइक सर्विस की दुकानों पर शारीरिक दूरी का नियम मजाक बन गया है। भले ही जिला प्रशासन खाने-पीने की वस्तुओं की बिक्री प्रतिबंधित कर रखी हो लेकिन शहर में जलेबी से लेकर छोला-समोसा तक सभी कुछ बिक रहा है। जिला प्रशासन दो पहिया वाहनों पर केवल चालक होने का फरमान जारी कर रखा है लेकिन बाइक पर दो की कौन कहे तीन सवारी बैठा कर तफरीह किया जा रहा है। बाजार में बढ़ती भीड़ के बीच शारीरिक दूरी का पालन नहीं किए जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा मडराने लगा है। वजह कि दूसरे प्रदेशों से आये प्रवासी मजदूर भी होम क्वारंटाइन को नजरअंदाज कर बाजारों में घूम रहे हैं। साथ ही रोस्टर की अवहेलना कर नगर के कई हिस्सों में दुकानें भी खोली जा रही हैं। आलम यह है कि बिना मास्क के ही लोग बाजार व सड़कों पर टहल रहे हैं। हैरत की बात यह है कि सबकुछ देख कर भी पुलिस के जवान मौन साधे हुए हैं।