परीक्षा की कापियां के मूल्यांकन के लिए अनुपस्थित शिक्षके का वेतन रोकने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया है। आकस्मिक रूप से राजकीय बालिका इण्टर कालेज मूल्यांकन केन्द्र पहुंचने पर जिलाधिकारी ने पाया कि अधिकांश कमरों में एक-एक, दो-दो शिक्षक 11 बजे तक उपस्थित हुए थे जबकि इस मूल्यांकन केन्द्र पर 200 से अधिक शिक्षकों की ड्यिटी लगी है।
जिलाधिकारी ने डीआईओएस को कालेज में ही तलब किया तथा उनको चारों मूल्यांकन केन्द्र का निरीक्षण कर शिक्षकों की उपस्थिति का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने राजकीय इण्टर कालेज तथा श्री कृष्ण इण्टर कालेज का भी निरीक्षण किया। इन दोनों कॉलेज में शिक्षकों की उपस्थिति बेहतर थी।
उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश पर समुचित व्यवस्था करते हुए मूल्यांकन कराया जा रहा है। छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़ा हुआ यह महत्वपूर्ण कार्य है। ऐसे में इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। इसमें सभी शिक्षकों का सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने डीआईओएस से कहा कि निरीक्षण से स्पष्ट है कि सभी कमरों में पर्याप्त दूरी रखते हुए शिक्षकों को बैठने की व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक मूल्यांकन केन्द्र पर थर्मल स्क्रीनिंग के लिए आदमी मौजूद है। साबुन से हाथ धोने तथा सेनिटाइजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी गयी है। मूल्यांकन के लिए आने वाले शिक्षको को पुलिस रोक भी नहीं रही है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना, डीआईओएस डा0 बृजभूषण मौर्या, प्रधानाचार्य शिवबहादुर सिंह, श्रीमती नीलम सिंह उपस्थित रहे।