असरहीन रहा फरमान, उमड़े रहे ट्रकों से प्रवासी
जौनपुर। प्रवासी हो या श्रमिक कोई भी पैदल नही चलना चाहिए न साईकिल सवार,ट्रक और ट्रैक्टरो पर सवार परदेशी प्रदेश की सीमा में घुसने पाये ऐसे लोगो को सीमा पर रोककर बसो द्वारा उनके घरो तक पहुंचाया जाय। प्रदेश शासन का यह घोषणा असरहीन रहा । रविवार को पूरे दिन भर सड़को पर ट्रको व छोटे माल वाहको पर सवार होकर मजदूरो का रेला जाता दिखाई पड़ा। यहां तक पुलिस भी पैदल जा रहे लोगो को ट्रको में ही भरकर उनके गंतब्य को भेजा। ज्ञात हो कि शनिवार की सुबह औरइया जिले में सड़क हादसे में 26 श्रमिको की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने फरमान जारी किया था कि कोई भी प्रवासी या श्रमिक पैदल नहीं चलना चाहिए और न ही साइकिल, ट्रैक्टर, ट्रक से चलना चाहिए। यह फरमान आते ही जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि प्रवासी श्रमिकों एवं व्यक्तियों के लिए बस की व्यवस्था की गयी है जिससे उनके गंतव्य स्थान भेजा जाएगा। बसों की व्यवस्था के लिए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी परिवर्तन को नोडल अधिकारी नामित किया गया है जो बसों की व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होंगे। यह फरमान पूरी तरह से हवा हवाई निकला। पूरे दिन हर सड़को पर ट्रको व अन्य माल वाहक वाहनो से मजदूर भर कर जाते दिखाई पड़े न तो उन्हे पुलिस रोक रही थी न ही कही इंतजाम दिखा। नगर जेसिज चैराहे पर पहुंचे सैकड़ो मजदूरो को खुद पुलिस ट्रको पर बैठकर उन्हे आगे भेजते रहे। चिलचिलाती धूप में भूख प्यास से तड़फ रहे इन श्रमिको को विस्कुट,पानी और खीरा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता वितरित करते दिखाई पड़े। प्रवासियों ने कहा कि यहां न तो बस का इंतजाम है न ही जिला प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौजूद है। पूर्वांचल के सबसे अधिक लोग मुम्बई या दिल्ली में रहकर श्रम करते हैं। वहां से पैसे कमाकर अपनों का पेट भरते हैं। लेकिन अब हालत ये हो गई की काम कोई है नहीं, कमाई का कोई रास्ता भी नहीं ऊपर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण से लोग अब वहां न रहकर सीधे गांव का रुख कर रहे हैं। इससे भी चिंता की बात ये है की ये श्रमिक मुम्बई से जौनपुर के आसपास जिलों में आने के लिए किसी भी वाहन को शेयरिंग में चार से पांच हजार रुपये प्रति व्यक्ति दे रहा है। जो सामान्य दिनों में हवाई जहाज से भी अधिक किराया है। सिपाह में एक ट्रक के ढाले में सवार भारी सँख्या में मजदूर मिले। उन्होने कहा कि हम लोगों को आजमगढ़ जाना है। यात्रा और किये सवाल ओर कहते हैं की मुंबई से 50 लोग ट्रक में सवार होकर चार दिन पहले निकले हैं। ट्रक मालिक ने प्रत्येक सवारी चार हजार रुपये लिया है। जौनपुर जिले के अम्बरीष भी गुड़गांव में रहकर धागा बनाने की कम्पनी में काम करते हैं। गुड़गांव से छह लोगों को लेकर एक स्विफ्ट कार प्रयागराज आ रही थी। किसी से पता चला की उस कार में एक सीट मिल जाएगी। हमने बात किया तो प्रयागराज तक आने के लिए पांच हजार रुपये मन बात पक्की हुई।