जो घर तक पहुंच न पाये!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।गाजियाबाद से बिहार के लिये साइकिल से निकला मजदूर सड़क किनारे भोजन कर रहा था, जिसे तेज रफ्तार कार ने रौंद कर मार डाला। नेशनल हाईवे 30 पर स्थित हरचंदपुर थाना क्षेत्र के डिडौली गांव के पास हाईवे किनारे खाना खा रहे एक मजदूर को रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मजदूर बिहार का रहने वाला था। पुलिस ने शव की शिनाख्त करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही गाड़ी को जब्त कर लिया है। गाजियाबाद से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूरों का जत्था सोमवार दोपहर हाईवे के किनारे बैठकर भोजन कर रहा था। तभी एक कार का ब्रेक फेल हो गया और वो सड़क से पटरी की तरफ भागी और मजदूर को रौंदते हुए खड़ी हो गई। मृतक की शिनाख्त शिवकुमार दास (25) के रूप में हुई है। वह बिहार के गया थाना क्षेत्र के कोंच गांव का रहने वाला था।
2-लॉकडाउन में दिल्ली से आजमगढ़ और बस्ती के बाइक से निकले दो युवकों में कोई भी अपने घर नही पहुंच सका। कप्तानगंज थाना क्षेत्र में सड़क किनारे खड़ी ट्रक में टकराने से दोनो की मौत हो गयी। वे दिल्ली की एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते थे। लॉकडाउन में काम छूट गया। लाकडाउन में जमा पूंजी खत्म होने लगी तो बाइक से घर के लिए निकल पड़े। सोमवार को गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन पर बस्ती में उनकी बाइक, खड़े ट्रक में पीछे से जा टकराई। दोनों गम्भीर रूप से घायल हो गए। थोड़ी देर बाद बस्ती के जिला अस्पताल में दोनों की मौत हो गई। आजमगढ़ के ममराजीपुर मेहनगर निवासी 28 वर्षीय फैसल अब्बास और बस्ती के कलवारी थाना क्षेत्र के बैड़ारी मुस्तहकम गांव निवासी 32 वर्षीय सूरज कुमार की। पुलिस के मुताबिक सूरज को कलवारी में ही रुकना था जबकि फैसल अब्बास को आजमगढ़ जाना था लेकिन दोनों में से कोई अपने घर नहीं पहुंच पाया। सूरज तो अपने घर के करीब तक पहुंचकर जान से हाथ धो बैठा। पुलिस ने हादसे की जानकारी दोनों के परिवारीजनों को दी।
3-लखीमपुर खीरी के सेवता के मूल निवासी छोटू तिवारी पुत्र नंदकिशोर तिवारी उम्र22 वर्ष जो हैदराबाद में काम करता था। परदेश में न कोई भोजन मिल पा रहा था, न ही पैसा बचा था। घर पर बात किया तो पिता नंदकिशोर तिवारी ने कहा कि किसी तरह चले आओ अब परदेश नहीं जाना है। रास्ते मे आम से लदा ट्रक लखनऊ आ रहा था वह उसी में बैठ गया। ट्रक वाले ने तीन हजार किराया एडवांस ले लिया था। मध्यप्रदेश के फरुखाबाद में ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस सड़क दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई। शनिवार को एम्बुलेंस से जवान बेटे का शव गांव पहुंचा तो पूरा जवार शोक में डूब गया। लोगों में इतना आक्रोश व्याप्त था कि उन्हें कोई काबू नहीं कर पा रहा था। मौके पर स्थानीय विधायक ज्ञान तिवारी ने स्थित को संभाला।
4- मुंबई से 1500 किलोमीटर पैदल चल कर श्रावस्ती पहुँचे इंसाफ अली अपने गांव तो पहुंच गए, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। इस यात्रा में उन्हें 14 दिन का वक्त लगा था।श्रावस्ती के मटकनवा गांव के रहने वाले पेशे से मिस्री 35 साल के इंसाफ अली 27 अप्रैल को गांव पहुंचा था। बताते हैं कि गांव वालों ने उसके घर जाने पर आपत्ति प्रकट किया। जिसके कारण उसे कोरेन्टीन सेंटर में भेजा गया। लेकिन उसके पहुंचने के चार घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया। इंसाफ अली की पत्नी सलमा बेगम और उनके रिश्तेदारों को अभी तक इसका अंदाजा नहीं लग पाया है कि आखिर उसकी मौत हुई कैसे? पत्नी का कहा है कि उन्होंने फोन पर बातचीत के दौरान बताया था कि वह बिस्किट खाकर अपना सफर तय कर रहे हैं।सलमा का कहना है कि पति के वापस लौटने के बाद वह उन्हें देख तक नहीं पाई क्योंकि वह अपने माता-पिता के घर पर थी और उनके लौटने से पहले ही शव को ले जाया गया था। सलमा ने कहा कि इंसाफ अली 13 अप्रैल को मुंबई से चले थे।उन्होंने कहा था कि उनके पास पैसे खत्म हो रहे हैं, वह कई सप्ताह से कोई काम नहीं कर रहे थे। यही सोच कर चले थे कि गांव में कम से कम वह अपने लोगों के बीच होंगे और काम चला लेंगे।समाचार लिखे जाने तक मंगलवार की सुबह मुंबई से सिद्धार्थनगर जा रही डीसीएम अनियंत्रित होकर उलट गयी।11 मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं।