बस्ती,उत्तर प्रदेश
करो ना जैसी वैश्विक महामारी से चौतरफा कार ऐसा भी हो गया है कि अनेक निगाहें अनेक आवश्यक वस्तुओं से मुंह मोड़ चुकी है सरकार एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं महीनों से ठप पड़े हैं कोरोना मरीजों को छोड़कर अन्य मरीज कहीं भी अस्पताल में दिखाई नहीं देते यही नहीं अनेक निजी अस्पतालों में भी गिनती के मरीजों को इलाज हो पा रहा है ऐसे में सर्वाधिक संघटक मासूम बच्चों के इलाज और नवजात शिशुओं की जीवन रक्षा को लेकर के हैं युवा सामाजिक कार्यकर्ता अजय श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी के माध्यम से निवेदन किया है कि प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी चलवाई जाए ताकि खिलौना के अतिरिक्त अन्य मरीजों का इलाज भी याद रखें और देखने के लिए ड्यूटी लगाया जिससे आमजन को राहत मिल सके