कई रिसर्च में हुए दावों के बाद अब वैज्ञानिकों ने सपष्ट कर दिया है कि सूरज की किरणों से कोरोना का असर कम होने या फिर उससे संक्रमित व्यक्ति को किसी भी तरह का फायदा होने का अभी तक कोई सबूत सामने नहीं आया है।







वैज्ञानिकों ने कहा कि फिजूल के दावों से बचें और अल्ट्रावॉयलेट किरणों, सफाई में इस्तेमाल होने वाली चीज़ं या फिर ब्लीच के इस्तेमाल से कोरोना ठीक होने की अफवाहों पर ध्यान न दें। वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन सभी दावों की पड़ताल की और इन सभी को फिलहाल ख़ारिज कर दिया है। स्टेनफॉर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर डीन विंस्लो ने स्पष्ट कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सूरज की किरणों और सफाई के लिए उपयोग में आने वाली चीजों और ब्लीच से कोरोना का इलाज संभव है, या फिर इनसे कोई फायदा भी हो रहा हो। उन्होंने कहा न तो धूप के भरोसे रहें और कृपा करके ब्लीच या लाइजॉल बिलकुल न पिएं, इससे आपके शरीर को काफी नुकसान हो सकता है