अयोद्धया #श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का तय मुहूर्त लॉकडाउन के कारण स्थगित नहीं किया जाएगा। 30 अप्रैल यानी बैसाख शुक्ल सप्तमी को तय मुहूर्त पर ही भूमि पूजन होना निश्चित है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को इसके संकेत दिये। कारसेवकपुरम में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में राय से पूछा गया कि लॉकडाउन की तिथि आगे बढ़ेगी तो क्या भूमि पूजन की तिथि भी आगे बढ़ाई जाएगी, उन्होंने सवाल का सीधा जवाब देने के बजाय सांकेतिक ढंग से कहा कि आजकल आनलाइन का जमाना है। तो फिर परेशानी ही क्या है? सोशल डिस्टेंसिंग भी रहेगी और कार्य भी बाधित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को खरमास के बाद निर्धारित मुहूर्त पर शादियां होंगी ही। उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या में लोग जाएंगे और कार्यक्रम निपटा देंगे। फिर जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी तब समारोह भी कर लेंगे। उसी तरह से यह कार्य भी हो जाएगा। फिलहाल अभी हम इस बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि यह चाहते हैं कि कोई ऐसी स्थिति न पैदा हो जिससे शासन-प्रशासन को दिक्कत आए। मालूम हो कि पीएमओ की हरी झंडी मिलने के बाद संभावित तिथियों पर ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन का मुहूर्त निकलवाया गया था। वैदिक आचार्यों की ओर से 30 अप्रैल की तिथि को सर्वथा अनुकूल बताए जाने के बाद पीएमओ से सहमति लेकर समय तय कर दिया गया था। ट्रस्ट ने इस तिथि की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। फिर भी अंदरखाने तैयारियां जारी थीं। इस तिथि पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी पहले ही मुहर लगा दी थी। हालांकि अब पीएम नरेन्द्र मोदी व संघ प्रमुख भागवत दोनों का ही आगमन संभव नहीं। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनकी उपस्थिति रहेगी।
उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को खरमास के बाद निर्धारित मुहूर्त पर शादियां होंगी ही। उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या में लोग जाएंगे और कार्यक्रम निपटा देंगे। फिर जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी तब समारोह भी कर लेंगे। उसी तरह से यह कार्य भी हो जाएगा। फिलहाल अभी हम इस बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि यह चाहते हैं कि कोई ऐसी स्थिति न पैदा हो जिससे शासन-प्रशासन को दिक्कत आए। मालूम हो कि पीएमओ की हरी झंडी मिलने के बाद संभावित तिथियों पर ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन का मुहूर्त निकलवाया गया था। वैदिक आचार्यों की ओर से 30 अप्रैल की तिथि को सर्वथा अनुकूल बताए जाने के बाद पीएमओ से सहमति लेकर समय तय कर दिया गया था। ट्रस्ट ने इस तिथि की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। फिर भी अंदरखाने तैयारियां जारी थीं। इस तिथि पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी पहले ही मुहर लगा दी थी। हालांकि अब पीएम नरेन्द्र मोदी व संघ प्रमुख भागवत दोनों का ही आगमन संभव नहीं। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनकी उपस्थिति रहेगी।