बस्तीः कोरोना के संक्रमित व संभावित गर्भवती के इलाज के लिए ज़िला महिला अस्पताल पूरी तरह तैयार है। अस्पताल प्रशासन का कहना है की सामान्य व सीज़ेरियन दोनों तरह के प्रसव कराए जाने की व्यवस्था मुकम्मल है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एके सिंह ने बताया की आइसोलेशन वार्ड में अलग से लेबर रूम तैयार किया गया है। अगर कोई कोविद-19 से ग्रसित या संभावित गर्भवती अस्पताल में आती है तो उसे अन्य मरीजों से अलग आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। अगर ऑपरेशन की ज़रूरत होगी तो तमाम सावधानियो के साथ वह भी होगा। सीएमएस ने कहा की कोरोना मरीज़ों के इलाज के कारण सामान्य मरीज़ों को कोई खतरा नहीं होगा। शासन द्वारा इलाज के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
अस्पताल स्टॉफ हुआ प्रशिक्षित
कोरोना मरीज के इलाज के लिए अस्पताल स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया गया है जो अपनी सुरक्षा के साथ कोरोना मरीज़ों का इलाज करेंगे। कोरोना प्रशिक्षण दे रहे चिकित्साधिकारी डॉ. आफताब रज़ा ने बताया की स्टॉफ को इलाज के दौरान की जाने वाली खुद की सुरक्षा व वार्ड में मौजूद होने के बरती जाने वाली सावधानियों को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया है। पीपीई किट पहनने से लेकर उतारने के दौरान तक विशेष सतर्कता रखी जाती है। चिकित्सक से लेकर स्वीपर तक को प्रशिक्षण दिया गया है।
यह भी जानना जरूरी
कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि गर्भवती महिलाओं में आम जनता की तुलना में कोविड-19 से बीमार होने की संभावना ज्यादा है और न ही इसके परिणामस्वरुप उन्हें गंभीर बीमारी होने की सम्भावना है। गर्भवती महिलाओं को उनके शरीर में होने वाले परिवर्तन से कुछ संक्रमण के खतरे बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि इस बात का भी कोई प्रमाण नही हैं की कोविड 19 गर्भावस्था के समय बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा,यदि प्रसव के समय महिला कोविड 19 से संक्रमित है तो नवजात की जांच की जाएगी। इसलिए इससे बचाव का एकमात्र जरिया सावधानी है। इसलिए हमें उन सभी सलाहों को मानना चाहिए जो कि हमें हमारे चिकित्सक बता रहे हैं। हेल्पलाइन नम्बर- कोरोना कंट्रोल रूम 05542 287774, सीएमओ डॉ. जेपी त्रिपाठी 8005192643, एसीएमओ डॉ. सीएल कन्नौजिया 9648202076