बस्ती, 08 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सफाईकर्मियों द्वारा दिया जा रहा योगदान अहम है। क्वारेन्टाइन सेण्टर से लेकर ओपेक चिकित्सालय कैली और मेडिकल कालेज में तैनात सफाईकर्मी लगातार निष्ठापूर्वक अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जबकि उन्हे न तो सुरक्षा किट उपलब्ध करवाया गया है और न ही सफाई उपकरण।
बावजूद इसके उन्हे मानसिक प्रताड़ना शिकार होना पड़ रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उ.्रप्र. पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय कुमार आर्य ने कहा कि मेडिकल कालेज और कैली में सफाई कार्य कर रहे सफाईकर्मी हाई रिस्क जोन में हैं, उनके पास सेनेटाइजर और सफाई उपकरण नही हैं। जब जिला पंचायत राज अधिकारी से इसकी मांग की गयी तो उन्होने अजय कुमार आर्या और जितेन्द्र कुमार, अनन्तराम तथा राम आशीष को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
हैरानी की बात ये है कि उपरोक्त सफाईकर्मियों की तैनाती स्थल पर डीपीआरओ स्वयं सफाई कार्यों की समीक्षा करने 5 अप्रैल को गये थे। सफाई कार्य संतोषजनक बताते हुये उन्होने अपना बयान भी दिया था, जो कुछ समाचार माध्यमों में प्रकाशित भी हुआ। दो दिन बाद उन्ही स्थानों की साफ सफाई पर सवाल उठाते हुये उन्होने कारण बताओ नोटिस थमा दिया। उसी समय सफाईकर्मियों ने उन्हे बाहर से आये हुये व्यक्तियों के बारे में जानकारी भी दिया था।