कोरोना गाइडलाइंस के पूर्व आये किटों को यूपी सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों को बांटा
फजीहत के बाद लिया वापस
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी जो पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) किट इस्तेमाल करते हैं, उसकी क्वालिटी को लेकर उत्तर प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। नोएडा और मेरठ में सप्लाई की गयी इन पीपीई किट की क्वालिटी मानक से हल्की होने की शिकायत सामने आई है। इसके बाद महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता की तरफ से इन किट्स को बदलने के निर्देश दिए गए हैं।महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता ने कहा कि जैसे ही शिकायत मिले किट्स का इस्तेमाल न करने और बदलवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी मेडिकल यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा शिक्षा के संस्थानों को भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके कोई भी किट, मास्क या अन्य सामान अधोमानक हैं तो उसे बदलवाएं।जीआईएमसी नोएडा के निदेशक और मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पीपीई किट को लेकर शिकायत की थी। इसमे किट की क्वालिटी को अधोमानक बताया गया था। शिकायत मिलते ही चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और किट बदलवाने के निर्देश दिए गए। हालांकि ताज्जुब ये है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।जिन किट्स की क्वालिटी पर सवाल उठे हैं, उनकी सप्लाई यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने की है।यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन की एमडी श्रुति सिंह ने बताया कि किट की क्वालिटी घटिया नहीं है। हां, उनके साइज़ को लेकर कुछ समस्या आई है। उन्होंने कहा कि जिन किट्स को लेकर शिकायत की जा रही है, वो कोविड 19 को लेकर जारी भारत सरकार की गाइड लाइन्स के पहले कीहैं।सरकार की गाइडलाइन्स आने के बाद सिर्फ उन्हीं मानक के अनुसार पीपीई किट भेजी जा रही हैं।