क्या जमात(तब्लीग़ी) स्वर्ग का लाइसेंस बाट रहेथे?

हमारे आर्ष ग्रन्थ राजा को यह आदेश देते है कि उनका व्यक्तिगत कुछ भी नही यहाँ तक कि जनता ही परिवार है।"अहर्निशम सेवामहे"अर्थात जनता की सेवा में लगा राजा ही वास्तविक जनप्रति निधि है।उसका अपना कुछ भी नही जनता द्वारा जनता केलिये जनता का ही धन  है।


महाभारत में  एक कथानक आता है कोई आता है दुर्योधन के पास और कहता है राजन!हमारे और आपके भी कामन शत्रु हैं पांडव,क्यों न हमसब मिलकर पांडव पर आक्रमण कर खत्म ही करदे पर दुर्योधन जैसा असहिष्णु भी कहता है यह सोचा कैसे जिस दिन यह नोबत आएगी उस दिन हम 100 व5 पांडव 105 होकर आपका मुकाबला करेंगे।


       वयम पंचढ़िकम शतम


क्या हमारा चरित्र दुर्योधन से भी गिरा होगया है। आज सम्पूर्ण मानवता अस्तित्व के लिए कराह रही है और हम अपनी छुद्र मानसिकता का परिचय देते जा रहे है?क्या यह देश नरेंद्र मोदी को पैत्रिक उत्तराधिकार में मिला है?क्या देश व प्रदेश चलाने टेंडर मोदी और योगी के नाम निकला है?देश चलाने में विपक्ष का कोई सकारात्मक सहयोग जरूरी नही है?क्या इस विपत्ति की बेला में मोदी और योगी ही देश ,प्रदेश की समस्या से दोचार हो?नही!मुझे लगता है हम अपने हल्की मांसिकता से उबरना नही चाहते।


देश का सर्वशक्तिमान (बहुमत)प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर हमसे आग्रह कररहा है 21 दिन का लॉक डाऊन का सख्ती से पालन करिए ओर4 हम है कि मानते ही नही।आज अमेरिका भी डैमेज कंट्रोल में भारत की नीतियों का अनुयायी बनरहा है और हम कथित धर्म निरपेक्ष ,कलतक देश का झण्डा हाथ मे लेकर तमाम शाहीनबाग पैदा कर रहे थे अब निजामुद्दीन जैसे तब्लीग़ी हालात पूरे देश मे पैदा कर रहे है।एक मौलाना कहता है मरना है तो मसजिद में ही मरे क्या फर्क पड़ता है


इंग्लैंड का राजा तो  सीधे स्वर्ग का लाइसेंस देता था ।आज की स्थिति यह है कि मोहम्मद साहब के संताने उन्हें को मानने से इंकार कर रही हैं ।ग्लोबल संकट से मक्का मदीना भी बंद है पर भारतवर्ष की मस्जिद है अपने विचार से और तबलीग में मस्त है ।और जो आज कहीं खो गए हैं कथित धर्मनिरपेक्ष लोग उनका कहीं पता लगा नहीं लगता है कि सारी जिम्मेदारी मोदी और योगी के सिर पर पड़ी है


दिल्ली से लाखों लोगों को प्रचार करके  कि यूूपी की सीमा पर बसे खड़ी हैं ले जाने के लिए डीटीसी की बसों से केजरीवाल ने ठूस ठूस कर भिजवा दिया ।इधर बिहार की सीमा पर नीतीश कुमार करते हैं हम अपनी सीमा में किसी को आने नहीं देंगे ।एक योगी आजअपना योग धर्म व   राजधर्म सेेजनता की सेवा में लगा हुआ है ।क्या केजरीवाल  व नीतीश कुमार के कोई जिम्मेदारी नहीं ।


मैं पूछता हूं कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारिका से काम रुप तक वे लोग कहां है जो रोज साइन करा कर के मोदी और योगी को कोसते थे


 


जो रोज मोदी और योगी को कोसता रहता था कोई तो आगे आए इस देश में संविधान का धर्म चलेगा या फिर  शरीयत या फतवा


 


चलेगा।? किसी भी धर्म का संविधान राष्ट्र के संविधान से नीचे ही है पर यह मौलाना और मौलवी कौन समझाए बस्ती में घटना अगर किसी मस्जिद के मौलवी के यहां घटी होती  तो कहां जाता?


पर एक साधारण मुसलमान 25 वर्ष न जाने कहां से संक्रमण का शिकार हो गया इसका उत्तर और मस्जिदों में विदेशियों को भरने वाले लोग और जो कहते हैं कि अल्लाह हमें बचा लेगा क्या उत्तर देंगे आइए नरेंद्र मोदी और योगी के कंधे से कंधा मिलाकर चलें और कानून शिकार करते हुए हाथों को तिलांजलि दें ।


मेरी बात किसी को अतिरंजित लग सकती है पर यह सत्य है देश व हमसबका भी सौभाग्य है कि आज देश मोदी और प्रदेश योगी के हाथ है।कुछ कुत्सित विचारक मोटा भाई को खोज रहे है ,पर उनके क्या पता संकट में वही सफल होगा जिसे अपने नरेतृत्व पर विश्वास व आस्था हो।आज सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद  एकाकार है।संकट में एक्चालुकानरेतित्व ही सफल होगा।वह मोदी ऒर योगी के साथ है।


पर महामारी से निपटने के बाद अपने आंतरिक राजधर्म से भी निप्टियेगा मोदी और योगी जी।


 


 


 


 


 


 


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