बस्ती। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश सचिव कृष्णचन्द्र सिंह ने प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा को 5 सूत्रीय सुझाव देकर जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था सुधारने, दोषी अधीक्षक के विरूद्ध कार्रवाई करने, राशन वितरण में धांधली रोकने, गेहूं खरीद को प्रभावी बनाने एवं बकाया गन्ना मूल्य का प्राथमिकता के स्तर पर भुगतान कराने का आग्रह किया।
सपा नेता कृष्ण चन्द्र सिंह ने प्रमुख सचिव श्रम को भेजे पत्र में कहा है कि यदि बस्ती जनपद में कोरोना पाजिटिव पाये गये प्रथम मरीज मृतक हसनैन की जांच कराया गया होता तो जनपद को बड़े संकट से बचाया जा सकता था। बस्ती शहर क्षेत्र के तुरकहिया निवासी हसनैन को बीमारी की स्थिति में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। उसमें कोरोना का लक्षण होते हुये भी गंभीरता से न लेकर उसे बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर भेज दिया गया जहां उसकी मौत हो गई। उसका शव भी परिजनों को सौंप दिया गया जिसके कारण हसनैन के परिवार, रिश्तेदार आदि कोरोना पाजिटिव हो गये। जिला अस्पताल में तैनात प्रमुख अधीक्षक डा. ओ.पी. सिंह ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया होता तो बस्ती कोरोना के कहर से बच जाता। किन परिस्थितियों में हसनैन को गोरखपुर रेफर किया गया इसके सभी विन्दुओं की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किया जाय जिससे भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके। पत्र में कहा गया है कि डा. ओ.पी. सिंह ने चिकित्सक धर्म का निर्वहन न करते हुये एक बड़ी समस्या को जन्म दे दिया जिसका दण्ड अकारण हसनैन के परिवार व समूचा जनपद भुगत रहा है।
उन्होने पत्र में कहा है कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार ने गरीबों में वितरण के लिये रोशन कोटे के माध्यम से जो खाद्यान्न वितरण की योजना बनायी है जनपद के अनेक हिस्सों में उसका घोर उल्लंघन हो रहा है जिसके कारण अनेक पात्र लाभ से वंचित हो रहे हैं या घटतौली के शिकार हो रहे हैं। सरकार द्वारा प्रति पात्र गृहस्थी कार्ड 35 किलो राशन देने का आदेश है और यदि 10 यूनिट है तो पचास किलो, यदि 7 यूनिट है तो 40 किलो राशन देना है। किन्तु जानकारी मिली है कि राशन कोटेदार मात्र 35 किलो ही दे रहे हैं, यूनिट चाहे अधिक ही क्यों न हो । अच्छा हो कि राशन वितरण के 6 यूनिट से अधिक के कार्डो की 5 प्रतिशत रेन्डम जांच करा लिया जाय और दोषियों को दण्डित करने के साथ ही पात्रों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाय।