जमाती (तब्लीग़ी) धार्मिक अहंकार छोड़े

महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन मुसलमानों को मुसलमान समझने में लगा दिया। उनका कहना था कि मेरा घर मेरे लिए श्रेष्ठ और पड़ोसी का धर्म उसके लिए श्रेष्ठ।


एक अच्छा हिंदू और एक सच्चा मुसलमान दोनों राष्ट्रभक्त सकते हैं। पूरी जिंदगी में उन्होंने सामाजिक समरसता की वकालत की और उसी सामाजिक समरसता के चलते वह भेंट चढ़ गए ,परंतु दो राष्ट्रों के सिद्धांत ने गांधी के सम्मान में प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया। वह प्रश्नवाचक चिन्ह आज भी गांधी का पीछा नहीं छोड़ रहा है।


तबलीगी जमात का आचरण उसी तरह का एक उदाहरण है जमात के आचरण की परतें परत दर परत खुलती जा रही हैं। स्वार्थी और अज्ञानी तत्व मजहब के आधार पर मनुष्य को मनुष्य से अलग करके हिंदू और मुसलमान में बांटने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।


निजामुद्दीन मरकज और उस में भाग लेने वाले लोग अज्ञानी से लेकर के प्रोफेसर तक।अभी आज ही प्रयागराज में 30 जमाती पकड़े गए ।यह बात अलग है कि सब को गिरफ्तार कर लिया गया है ।अबुल केेलााम आजाद,दादा भाई नौरोजी ,सरदार पटेल जैसे लोग समझाते समझाते थक गए आज तक समझ नहीं आई ।


पैदा हो रही है ।वह देश को काफी दिनों तक के लिए नफरत के बीज बो दिया है। पीड़ादायक तो है ही मुस्लिम समाज की अज्ञानता का स्थान पर प्रशासन और मीडिया पर आरोप लगाया कि और बढ़ावा दे रहा है राष्ट्रमाता ऐसे लोग बोल रहे हैं या नहीं दे पा रहे हैं सारा देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है मुस्लिम समुदाय के लोगों को समझा कि नहीं मुसलमानों को क्षति के शिक्षा दे रहा है वही जाने पर तबलीगी जमात में हिंदू मुसलमान की कर दिया है कि आने वाले दिनों में इसका भरपूर करने में बहुत समय लगेगा इसलिए तब्लिओ केेओ प्राथमिक शिक्षा और मुसलमानों के प्राथमिक शिक्षा की ओर ध्यान देना होगा और एक बात और सारे देश में प्राथमिक शिक्षा से लेकर के विश्वविद्यालय के शिक्षक धर्म का तुलनात्मक अध्ययन भी अनिवार्य हो गया है ।जब तक तुलनात्मक अध्ययन नहीं होगा तब तक समस्या बनी रहेगी और बने रहेगा यहां से तबलीगी जमात और ऐसे लोग जो धर्म को पहले राष्ट्र को बाद में मानते हैं।


तबलीगी जमात का जहां से प्रादुर्भाव हुआ मक्का मस्जिद और सऊदी अरब बहुत दिनों के लिए  बंद लेकिन सबके बावजूद भी चिंता का विषय है और समाज मे एक रूपता लाने की त्राशदी भी।


जमातियों को समझना होगा देश पहले धर्म बाद में।अगर ऐसा नही सोचा गया तो परस्पर गंगा जमिनी संस्कृति को बड़ा ही अपूरणीय धक्का होगा।


जमाती अपना  धार्मिक अहंकार छोड़े,तब ही देश व समाज सुरक्षित ।


 


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