कोरोना संकटकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मिनट के संबोधन में यह घोषणा की कि लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है। यद्यपि 20 अप्रैल कुछ क्षेत्रों में आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है, परंतु सोशल दूरी बनाए रखने के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। जिन क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद भी मामले पाए जाएंगे उन क्षेत्रों में कामकाज को अनुमति नहीं दी जाएगी।
संबोधन के दौरान अंबेडकर जयंती पर भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए अपनी बात आगे बढ़ात हुए प्रधानमंत्री ने अनेक क्षेत्रों में मनाए जाने वाले नववर्ष की शुभकामनाएं दीं तथा सोशल दूरी बनाए रखने के लिए जनता के प्रयासों को सराहा।
केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया ।
विश्व में 10000 कोरोना के मामलों पर 1500 बेड की जरूरत पड़ती है और भारत ने 1 लाख से बेड तैयार कर लिए हैं। मार्च की शुरुआत में जिन देशों के आंकड़े भारत के बराबर थे, आज उन्हीं देशों में 25 से 30 गुना अधिक संक्रमण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का बड़ा नुकसान हो रहा है, परंतु देशवासियों के जीवन के आगे यह मायने नहीं रखता।
3 मई तक कोरोना से लड़ी जाने वाली लड़ाई बेहद सख्त होगी और नियम और भी कड़ाई से लागू किए जाएंगे।