बिना काम कराए ही प्रधान ने हड़पा50 लाख

जौनपुर। शाहगंज तहसील के ग्राम सभा छतौरा शासन द्वारा करोड़ो रूपया खर्च किये जाने के बाद भी विकास के तरस रहा है। यहां पात्रों को दर किनार कर अपात्रों को लाभ देने और कमीशनखोरी की सीमा पार कर दी गयी है। मनरेगा सूची में गरीबों से अधिक अमीरों को सामिल किया गया है। ग्राम प्रधान के पति और पुत्र का नाम भी इस सूची में शोभा बढ़ा रहे है। अन्त्योदय कार्ड बनाने में भी प्रधान और सचिव ने सभी मानकों की धज्जियां उड़ा दिया है। गांव में 100 परिवार हरिजन और दलित है जिसमें 90 गरीब है लेकिन किसी का अन्त्योदय कार्ड नहीं बनाया गया है बल्कि कई बीघा जमीन के मालिक और पक्के भवन वालों को यह लाभ पहुंचाने वाला कार्ड जारी कर शासन की मंशा पर पानी फेरने का काम किया गया है। विकास के धन के बन्दर बाट का आलम यह है कि एक ही कार्य पर कई बार भुगतान के कई प्रकरण है।  अनेक मामले में बिना कार्य कराये ही लाखो का भुगतान कराकर सरकारी धन हजम कर लिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि हैण्ड की मरम्मत केनाम पर 40-40 हजार औररंगाई पुताई में भारी भरकम धनराशि बिना काम कराये हड़प लिया गया है। बताया गया है कि छतौरा की ग्राम प्रधानउर्ग विजय सिंह है। मनरेगा में मजदूर के रूप में प्रधानपति राघवेन्द तथा पुत्र रत्नाकर का नाम दर्ज कराया गया है। जबकि अन्य सैकड़ों की सख्या में अपात्रों को भी शामिल किया गया है ऐसे भी ग्रामीण है जिन्हे पता नहीं कि वे मजदूर है। उन्हे पता तब लगाता हैं जब प्रधानपति और उनके पुत्र दबाव बनाकर रूपया निकलवा लेते है। आरोप है कि मेन रोड से अनिलयादव के घर तक खण्डन्जा निर्माण का दो लाख 20 हजार का भुगतान करा लिया गया है लेकिन खण्डन्जा निर्माण हुआ ही नहीं है। इसी प्रकार पंचायत भवन पर प्लास्टर व रंगाई के नाम पर 89 हजार का भुगतान हो गया है लेकिन कोई काम नहीं हुआ है। आंगनवाड़ी केन्द्र पर टाइल्स लगवाले के नाम पर धन हड़पा गया है मौके पर टाइल्स नहीं लगायी गयी है। मिट्टी फेकवानेके नाम पर 62 हजार फर्जी भुगतान कराया गया है। सपंन्न 10 लोगो के जल निकासी के नाम पर सोख्ता बनवाया गया है गरीबों का नहीं बनाया गया। अन्त्योदय कार्डबनाने में भारी गोलमाल किया गया है। गांव के उदयप्रताप सिंह, विक्रमा उपाध्याय, कैलाश दुबे, शैलेन्द्र सिंह व जितेन्द्र सिंह जैसे दर्जनों संपन्न और कई बीघेे जमीन  व वाहनों के मालिकों का यह लाभ कारी कार्ड बनाया गया है दलितों को इससे वंचित रखा गया है। उक्त ग्राम सभा के भ्रष्टाचार की लिस्ट बहुत लम्बी और विस्तृत है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकरण को जांच के लिए शीघ्र जिला प्रशासन से मांग किया जायेगा।


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