आस्था के साथ मनायी गयी राम नवमी
जौनपुर। जिले भर में गुरूवार को राम नवमी मनाई जा रही है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ की पहली पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान राम के रूप में मनुष्य जन्म लिया था। हिन्दू मान्यताओं में भगवान राम को सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि श्री गोस्वामी तुलसीदास ने जिस रामचरितमानस की रचना की थी, उसका आरंभ भी उन्होंने इसी दिन से किया था, हालांकि कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते लोग घरों में बंद हैं और मंदिरों में सन्नाटा है. लेकिन इस दौरान भी पूरे विधि-विधान से भगवान श्री राम के जन्मोत्सव लोगों ने मनाया। घर के मंदिर में राम नवमी की पूजा विधि विधान से की गयी। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद भगवान राम का नाम लेते हुए व्रत का संकल्प लिया गया और घर के मंदिर में राम दरबार की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना कर उसमें गंगाजल छिड़का गया। अब तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाकर रखने के बाद रामलला की मूर्ति को पालने में बैठाया गया। रामलला को स्नान कराकर वस्त्र और पाला पहनाने के बाद रामलला को मौसमी फल, मेवे और मिठाई समर्पित करें. खीर का भोग लगाना अति उत्तम माना जाता है। तत्पश्चात रामलला को झूला झुलाकर धूप-बत्ती से उनकी आरती उतारी गयी। आरती के बाद रामायण और राम रक्षास्त्रोत का पाठ किया गया। घर में कन्याओं उनका पूजन किया गया।