बस्ती। उत्तर प्रदेश और बिहार के नागरिकों को दोषी करार देने वाले अरविंद केजरीवाल को आखिर हो क्या गया है कि उन्होंने सारी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है और लॉक डाउन की खतरनाक स्थिति में भी लाखों मजदूरों को पलायन करने के लिए उन्होंने विवश कर दिया है।
यह व्यवस्था मजदूरों की तो समझ में आती है कि उनके पास घर पहुंचने या मरने के तरीके के अपनानेे केेकेे अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था और केजरीवाल के प्रयाप्त विकल्प थे।एक लाख ,दो लाख ,4लाख लोगों को भोजन कराने की बात कही ।अगर किसी को भरपेट भोजन मिलता होता तो वह दिल्ली छोड़कर के घर बाहर बच्चों को लेकर के पलायन करता ही क्यो?
उन्होंने परिस्थितियों से साम्य स्थापित न करपाने का सामाजिक अपराध ही किया है। केजरीवाल व उनकी टीम ने देश व विशेष कर यूपी विहार के साथ भयंकरतम विश्वास घाट कर महाभारत के कृतघ्न पात्र दुर्योधन को भी मात कर दिया।
यूपी बिहार से आप वैसे भी चढ़े थे।दुर्योधन ने केवल पांडवो के लिए अपनी मंत्री परिषद के सहयोग से लाक्षागृह बनवाया था।आपने उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,बिहार वासियो के लिए कौशाम्बी व आनन्द विहार बस स्टेशनो पर कोरोना संक्रमण से मरने केलिये पुलिस बल का प्रयोग कर खड़ेंन दिया।आपने गंभीरता न बरते हुए लाखों लोगों को अपने भाग्य पर मरने को जो छोड़ा है उसे समाज व इतिहास माफ़ नही करेगा।
इतनी भयावह स्थिति को आपने भाप न पाने चूक कर राष्ट्रीय अपराघ किया है।भगवान करें कुछ न हो पर लाखों के चपेट में उसने की आशंका अंततः बनी रहेगी।
लाखों लोग इसकी चपेट में आएंगे केजरीवाल जी आपको इस बात को ध्यान रखना चाहिए किस समय आप दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं आप पार्टी के अध्यक्ष नहीं ।अगर आपने पार्टी वाइज काम किया तो इसके परिणाम आपको तो भुगतना ही पड़ेगा साथ ही साथ देश को कलंकित होने से आप बचा नहीं पाएंगे। नरेंद्र मोदी के आवाहन के बाद जो जहां है वहां उसके भोजन की व्यवस्था होगी की चिंता करने के बावजूद भी आप ने आनंद विहार और कौशांबी बस स्टेशनों पर
कोई परवाह न करते हुए जन ज्वार को क्यो बढ़ने दिया। गंभीर स्थिति है
आप को क्या नाम दिया जाए केजरीवाल साहब। आपने उत्तर प्रदेश और बिहार के जनता के साथ विश्वासघात किया है ।
उत्तर प्रदेश और बिहार का योगदान दिल्ली के विकास में ज्यादा नहीं तो कम भी नहीं है पर भयानक स्थितियों की त्रासदी तक जाने के लिए जिम्मेदार आप को क्या नाम दिया जाए । मैं निशब्द हूं और आपके पास बोलने के तरीके और ट्वीट करने के अतिरिक्त कोई आधार नहीं है ।आपने खजाने से रुपया तो निकाला ही होगा पर उस रुपए का क्या कर रहे हैं मुझे नहीं मालूम आप तो आपको तो मुफ्त में खिलाने की आदत पड़ गई थी फिर बिहारी और उत्तर प्रदेश वासियों के साथ आपने इतना बड़ा सामाजिक विश्वासघात क्यों किया ?इस अनुत्तरित प्रश्न को आपसे जनता हमेशा पुछ्गी ही। और आपको इस विश्वासघात के लिए देश और समाज कभी भी माफ नहीं कर सकता यदि आप ने आश्वासन दिया होता कि मैं भोजन दे रहा हूं ,अभय होकर के लोग अपने घरों में रहे तो एक-दो दिन तक लोग भूखे रह कर के भी अपनी बारी का इंतजार करते , पर आपने छोड़ दिया जाओ महामारी से निकलो और उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों आप दिल्ली को खाली करो
इसी से लगता है केजरीवाल जी आपमें और दुर्योधन के चरित्र में साम्यता है।केंद्र सरकार आपसे कैसे निपटेगी वह जाने महाभारत के पात्र के बाद दूसरा इतिहास पुरुष बनने की इच्छाओं का आपके अंत हो।मा चण्डिका से प्रार्थना।।