वर्ल्ड ऑफ मीटर्स वेबसाइट की माने तो अभी तक 6 लाख लोगों को संक्रमण ने अपनी चपेट में लिया है जिसमें से 27 हजार की मौत हो चुकी है। अर्थात 4.5% मृत्यु दर के साथ यह वायरस संक्रमण फैलाए जा रहा है । इससे ज्यादा तो मौतें प्रतिवर्ष टीबी और सड़क दुर्घटना या अन्य कारणों से होती है।
पैनिक करने का सबसे बड़ा कारण इसका इलाज उपलब्ध न हो पाना है। इसके साथ ही कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था भी इसके लिए जिम्मेदार है। जिस दर से यह संक्रमण लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, उससे ऐसा लग रहा है कि यदि सभी संक्रमण की चपेट में आ गए तो इलाज कौन करेगा !
इटली, चीन, अमेरिका और स्पेन जैसे अव्वल देशों ने भी जिस बीमारी के आगे घुटने टेक दिए, उससे भारत के लड़ने की क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरी दुनिया में वर्तमान में को कारगर दवा उपलब्ध है वह सोशल डिस्टेंसिंग है।