ओवरब्रिज के निर्माण में 18 करोड़ की बढ़ोतरी
जौनपुर । सिटी स्टेशन रेलवे क्रासिग पर ओवरब्रिज का निर्माण लंबे समय से चल रहा है। लेटलतीफी के कारण इस ओवरब्रिज के निर्माण की लागत में करीब 18 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। परियोजना के काम में शिथिलता, भूमि का विवाद, निर्माण व डिजाइन में परिवर्तन के कारण निर्माण में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। सेतु निगम की तरफ से इसका प्रस्ताव बनाकर शासन स्तर पर भेज दिया गया है, जिस पर स्वीकृत का इंतजार है। बजट के अभाव में काम धीमी गति से चलने के कारण लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिले में इस परियोजना पर निर्माण वर्ष 2015 में शुरू हुआ। इसकी कुल लागत बढ़कर 67.38 करोड़ रुपये हो गई जो पूर्व में 49.82 करोड़ थी। यहां रेलवे क्रासिग पर रेलवे को 69 मीटर व सेतु निगम को 695 मीटर का पुल बनाना है। ओवरब्रिज में 80 फीसद सेतु निगम व 20 फीसद रेलवे को काम कराना है। सेतु निगम की शुरुआती लागत 24 करोड़ 52 लाख रुपये थी जो बढ़कर 31.93 करोड़ रुपये हो गई। अभी तक इसमें कुल 25.7 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। रेलवे को पहले यह कार्य 7.87 करोड़ में करना था। पुनरीक्षित आगणन में इसकी लागत 18.56 करोड़ रुपये हो गई। पीडब्लूडी की तरफ से वन विहार से पकड़ी बाजार तक 16.88 करोड़ से बाईपास बनी है। यूटीलिटी पर कुल 69 लाख रुपये खर्च किया गया। सेतु निगम ने 80 फीसद में से 66 फीसद तो रेलवे ने 20 फीसद में से 12 फीसद का कार्य पूर्ण कर लिया है। पहली बार ओवरब्रिज को मार्च 2018 तक, दूसरी बार मार्च 2019 तक, तीसरी बार जून 2019 अब जून 2020 तक कार्य पूरा करना है। मामला हाईकोर्ट में जाने के कारण सेतु निगम के निर्माण में भी देरी हुई। जिसके कारण यह निर्धारित समय पर काम पूरा न हो पाने के कारण लागत में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इससे काम धीमी गति से चल रहा है। जिससे लोगों को लंबी दूरी तय करके मीरजापुर की तरफ जाना पड़ रहा है। रोहित मिश्रा, उप परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम ने बताया कि महंगाई के हिसाब से सेतु निगम की तरफ से पुनरीक्षित आगणन बनाकर शासन स्तर पर सितंबर 2019 में भेज दिया गया है। इसके स्वीकृति का इंतजार है। पैसे के कारण काम रुका नहीं बल्कि चल रहा है। बजट मिलते ही तेजी से काम होगा। ओवरब्रिज को जून 2020 में बनाकर तैयार करना है।
फोटो 05- सिटी स्टेषन के निर्माणाधीन ओवरब्रिज के पास रेल लाइन पार करते लोग।