बहराइच 15 दिसम्बर। जनपद में पराली/फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित किये जाने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में आयोजित ग्राम प्रधानों की बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान व अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रवीन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मा. राष्ट्रीय हरित अभिकरण नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पराली/फसल अवशेष जलाना पूर्णतः प्रतिबन्धित व दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। जबकि मा. उच्चतम न्यायालय व मा. उच्च न्यायालय द्वारा भी फसल अपशिष्ट जलाने की घटना रोकने के लिए सख्त निर्देश दिये गये हैं।
बैठक के दौरान ग्राम प्रधानों को निर्देश दिये गये कि जनपद में फसल जलाने की एक भी घटना न होने पाये। फसल अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कृषकों को सलाह दें कि फसल अपशिष्ट न जलाये बल्कि उसे खेत में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ायें। कृषि विभाग के माध्यम से फसल अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु अनुदान पर यन्त्र भी वितरण किया गया है।
सीडीओ व अपर पुलिस अधीक्षक ने सचेत किया कि यदि कहीं पर फसल अपशिष्ट जलाने की घटना प्रकाश में आती है तो सम्बन्धित किसान सहित उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, राजस्व व ग्राम्य विकास के ग्राम स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए नियमाुनसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक के दौरान उप निदेशक कृषि डाॅ. आर.के. सिंह ने बताया कि जनपद में 01 अक्टूबर से 09 दिसम्बर 2019 तक फसल अपशिष्ट जलाने की कुल 68 घटनाएं हुईं है जिसमें दोषियों के विरूद्ध 44 एफआईआर दर्ज कराया गया है तथा 01 लाख 32 हज़ार 500 रूपये का अर्थ दण्ड आरोपित कर रू. 60 हज़ार की वसूली भी की गयी है। इसके अलावा जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई भी प्रगति पर है। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, एडीओ (पं.), जिला कृषि अधिकारी, डीपीआरओ सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्राम प्रधानगण व उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।