बस्ती कौटिल्य वार्ता, मेरा नाम मड़वा नगर टोल प्लाजा है मैं जब से बस्ती में स्थापित हुआ हूं तब से विवादों के घेरे में हूं कभी छात्र नेताओं से ,कभी आम नागरिकों से कभी राजनीतिक दलों के नेताओं से, कभी आम राहगीरों से निपट ता चला आ रहा हूं। मेरे खिलाफ तमाम वाद प्रतिवाद मुकदमे के शक्ल में होते रहे मैं सब से निपटने में सक्षम रहा। बस्ती से लेकर के संसद तक सबमुझमे हैं ।मैं किसी में नहीं हूं सब मेरे
आभारी हैं ,मैं किसी का नहीं हूं ।अनेक जिलाधिकारी आए और गए सब ने मेरे खोज ली पर सब चले गए ।ब्रह्मांड नियंता की तरह बस्ती के राजनीतिक क्षितिज पर प्रभाव कारी मेरा अधिकार है ।अनेक बार मेरे स्टांप की बातों को लेकर के बाद उठे पर सब ढाक के तीन पात ।मैं इतना सक्षम हूं विधायक सांसद जिलाधिकारी प्रशासनिक ऑफिसर और लखनऊ दिल्ली को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता हूं ।इसलिए मैं अटल हूं ।अचल हूं ,निर्विकार हूं ,जब तक चाहूंगा रहूंगा जब चाहूंगा तो चला जाऊंगा ,मेरा कोई नही है, और ना मैं किसी का यहां हूं, सब मुझमे
हैं ,यही सोच कर बस्ती में एक नहीं दो-दो टोल प्लाजा असंगत तरीके से मैंने लिया पर तमाम लिखा पढ़ी हुई मैं हिमालय की तरह अडिग रहा मेरा कुछ भी बिगाड़ने में कुछ कोई भी सफल नहीं हुआ इसीलिए मैं कहता हूं कि आप मेरे खिलाफ कार्यवाही करते रहिए लेकिन मैं आप के खिलाफ जब चाहूंगा तब कार्यवाही कराने में समर्थ हो जाऊंगा एनएचएआई के अधिकारियों पर मेरा अधिकार है,मेराही दिया खाते है,
इसलिए मैं हूं समर्थ हूं और निर्विकार भाव से आपको लूटते रहने के लिए नैतिक अनैतिक रूप से अधिकृत हूं मेरा नाम टोल प्लाजा बस्ती है